Monday, 15 April 2024

पठन पाठन सामग्री और टी सर्ट गरीब बच्चों को बांटे गएI

सुदामा फाउंडेशन  अपने प्रधान कार्यालय सुदामा कुटीर प्रतापपुर मिर्जामुराद  में दिनांक -14.04.2024 को भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जयंती पर आस-  पास के  स्कूली बच्चों द्वारा विविध  सांस्कृतिक कार्य क्रमों का आयोजन किया गया I 
जहाँ सुदामा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव गौतम  ने गरीब स्कूली बच्चों को कापी किताब, पठन- पाठन सामग्री के साथ  टी शर्ट बितरित किये वहीं  सुदामा फाउंडेशन के राष्ट्रीय सलाहकार एव्ं चंद्रा साहित्य परिषद (ट्रस्ट) के संस्थापक /अध्यक्ष कवि राम नरेश "नरेश" ने डॉ. बी आर आंबेडकर पर लिखी अपनी दो पुस्तकें "नई सुबह " और 'ताकत वर थे  मान्यवर' की 50 पुस्तकें आम जन को जगाने हेतु दिया I 
           डॉ उमानाथ संस्थापक  सुदामा फाउंडेशन,श्री राजपति,डॉ पंचदेव,डॉ सत्य प्रकाश ,श्री दीनदयाल ,श्री राजा,श्री दीपक यादव ,श्री संजीव गौतम ,श्री हिमांशु गौतम,श्री रुद्राक्ष आर्य ,श्री अंबरीश चंद्रा श्रुतिका गौतम ,वर्तिका गौतम,मानवी गौतम युवराज,श्री वीरेंद्र गौतम श्री आकाश प्रजापति  और ग्रामीण अंचलों  से  पधारे  बड़ी संख्या में युवा  पीढी  कार्यक्रम में उपस्थित रहे I
डॉ. राजीव गौतम ने अपने स्वागत संबोधन में बाबा साहेब को महान दार्शनिक, विधि वेत्ता, एवं दलितों के मसीहा बताते हुए  दलितों, पिछड़ों तथा वंचितों को और शिक्षित होने पर बल दिया I

डॉ. पंच देव ने धन्यवाद ज्ञापित किया  I 




















 

Monday, 1 April 2024

मंचीय एवं आनलाईन नवसंवत्सर अभिनन्दन सम्मान , स्वास्थ्य वर्धक हसो -हसाओ रेला

 उल्लू नहीं करता कभी उल्लू पानी की बात, उल्लू पानी की बात करता आदमी की जात-

    वाराणसी महानगर के रामकटोरा काशी सेवा समिति महामना मालवीय सभागार में वहां के सभापति डॉ रामावतार पांडे एडवोकेट के अध्यक्षता में सर्वदलीय गौ रक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक के प्रमुख संयोजन संचालन में महामूर्ख हसो -हसो रेला -अखिल भारतीय हाथ से हंगामा का आयोजन एवं संवत्सर अभिनंदन सम्मान समारोह का आयोजन अस्मिता नाट्य संस्थान एवं सुदामा फाउंडेशन के नाट्य रंग कमी विजय कुमार गुप्ता एवं डॉ राजीव गौतम स्वागत अध्यक्ष द्वय के दिशा निर्देशन में सर्व दलीय गौ रक्षा मंच के प्रदेश संयोजक प्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश , डॉ.सुभाष चंद्र, कवि सुखमंगल सिंह मंगल के स्वागत संरक्षण में संपन्न हुआ।

   गदही उल्लू विवाह- विवाद में गदही दुलहा जौनपुर की कवयित्री सुमति श्रीवास्तव ने पूर्व जन्म में मैं मानव थी,अब गदही कुल में आई हूं,जब से गदही कल में आई हूं बहुत आत्म सुख पाई हूं, लोग खादी पहन कर ,दूध मलाई खाकर भी अपने कुल का अपमान करते हैं, हम लोग तो घास भूसा खाकर लादी ढोकर भी अपने कल का सम्मान करते हैं, सुनाया इतना सुनते ही रांची की कवयित्री डॉ.ममता मनीष सिन्हा उल्लू दुल्हन ने-उल्लू नहीं करता कभी उल्लूपने की बात , उल्लूपने की बात करता आदमी की जात, आदमी के जात का दुष्कर्म देखकर इसीलिए उल्लू दिन में नहीं देखा देखा है सिर्फ रात सुनाया एक दूजे को माला -फूल और गुब्बारा, झाड़ू का पहनाकर श्रोताओं को खूब गुदगुदाया।यह देखकर आयोजन के महामूर्ख अध्यक्ष डॉ.राम अवतार पाण्डेय, विशिष्ट अतिथि गंगा सहाय पाण्डेय, गिरीश पाण्डेय, डॉ.संगमलाल त्रिपाठी भंवर, कवि सुख मंगल सिंह मंगल, कवि सिद्धनाथ शर्मा सिद्ध सहित अनेकों जलंतू विशिष्ट लोगों ने गदही दुलहा-उल्लू विवाह को विवादास्पद क़रार देते हुए अगले वर्ष तक के लिए स्थगित कर दिया।

    मंचीय एवं आनलाईन नवसंवत्सर अभिनन्दन सम्मान , स्वास्थ्य वर्धक हसो -हसाओ रेला में प्रमुख रूप से सर्व श्री अशोक श्रीवास्तव भुलक्कड़ बनारसी, डॉ.संगमलाल त्रिपाठी भंवर, लक्ष्मी शर्मा, संगीता श्रीवास्तव, सिद्धनाथ शर्मा सिद्ध, जयशंकर सिंह, राजेन्द्र गुप्त बावरा, डॉ.रामजी गुप्ता धीरज, विनय पाण्डेय बहुमुखी, गोपाल जी केशरी, शैलेन्द्र अम्बषट, कमलबाबू स्वदेशी,पंकज मतलबी, अभिषेक मिश्रा अवि, कुलदीप मिश्रा गुमनाम, चिंतित बनारसी, डॉ.केपी. प्रकाश लावारिस, ललित मोहन जोशी,अंकुर मिश्रा, तरूण तरंग, भगवती प्रसाद, धर्मेन्द्र त्रिपाठी, दिवाकर उपाध्याय, कपिल मिश्रा काशी, अमित कुमार शर्मा, निखिलेश मालवीय, अमित मिश्रा,तेजबली अनपढ़,रीतू दीक्षित, काली शंकर उपाध्याय,अनुज दूबे,मणिबेन द्विवेदी, अरूण मिश्रा गुंजन,झरना मुखर्जी, प्रज्ञा श्रीवास्तव, सुषमा जौनपुरी, यशवन्त यादव , सूर्य प्रकाश सिंह रघुवंशी सहित अनेकों लोगों ने काव्य पाठ , विचार मंथन किया और 108 लोगों को नव संवत्सर अभिनन्दन सम्मान भी भेंट किया गया।

   स्वागत संबोधन श्रीप्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश, कृषि ऋषि श्रीप्रकाश सिंह रघुवंशी, राजीव गौतम,डॉ.सुबाष चंद्र एवं कवि सुखमंगल सिंह मंगल, संचालन कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक, विजय कुमार गुप्ता, धन्यवाद जयशंकर सिंह एवं गिरीश पाण्डेय बनारसी ने संयुक्त रूप से किया ।

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