Thursday, 16 April 2020

जहाँ मदद चाहिए, वहां हमें पाइए (हमारा सहयोग हर जगह)

वैश्विक कोरोना संक्रमण की आई आपदा से जहां पुरे विश्व में हडकंप और त्राहि त्राहि मची हुई है, वही लाक-डाउन से गरीबो को दो वक्त की रोटी भी नहीं पा रही है| केवल भोजन मिले पेट भरे, की आस लगाए बेचारे गरीब असहाय से हो गए है| हालाकि इस पुनीत और पुन्य कार्य में सामाजिक संस्थाए दिन रात एक कर भोजन की व्यवस्था में लगी है और शासन के साथ यथा संस्थाये भी सेवा कर रही है
अन्य जिलो और राज्यों में हमारी संस्था से जुड़े सदस्यों के माध्यम से हमारी संस्था जरुरतमंदो को अन्न प्रदान कर लोगो की सहायता हो रही है|









संकट घडी में दिया सरकार और समाज का साथ-















वैश्विक कोरोना संक्रमण की आई आपदा से जहां पुरे विश्व में हडकंप और त्राहि त्राहि मची हुई है, वही लाक-डाउन से गरीबो को दो वक्त की रोटी भी नहीं पा रही है| केवल भोजन मिले पेट भरे, की आस लगाए बेचारे गरीब असहाय से हो गए है| हालाकि इस पुनीत और पुन्य कार्य में सामाजिक संस्थाए दिन रात एक कर भोजन की व्यवस्था में लगी है और शासन के साथ यथा संस्थाये भी सेवा कर रही है|
 दिनांक 07/04/2020 दिन मंगलवार को सुदामा फाउंडेशन, कंचनपुरा वाराणसी की तरफ से भी आस-पास की गरीब बस्तियों में जरुरत मंद लोगो में करीब 250 लोगो को(आटा,दाल,चावल,सरसों का तेल, आलू,मसाला,नमक,हल्दी के पैकेट, व् बिस्किट) वितरित किया गया|
  इस कार्यक्रम में मुख्यत: श्री स्वतन्त्र चौधरी, श्री संजीव कुमार, श्री प्रदीप गौतम, श्री मनीष,श्री अरुण कुमार कश्यप, श्री लक्षमण प्रसाद, श्री राजबली कनौजिया, श्री राजू राजभर थे|
श्री राजीव गौतम राष्ट्रीय अध्यक्ष सुदामा फाउंडेशन ट्रस्ट ने इस सेवा कार्य में जुड़े सहयोगी व् सेवाधारियो का ह्रदय से आभार व् धन्यवाद दिया|
आइए आप भी इस महान और पुनीत कार्य में सेवाधारी बनकर संश्ता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर एसीएसी वैश्विक महामारी के समय लाक डाउन में असहाय और बिलकुल लाचार लोगो की भूख मिटाकर देश तथा समाज की सेवा में तन,मन, हमारा सहयोग करे|

Wednesday, 1 April 2020

प्रधानमंत्री जी के मुहीम में अपना योगदान देकर निभाया अपने कर्तब्यो को -

वैश्विक कोरोना संक्रमण की आई आपदा से जहां पुरे विश्व में हडकंप और त्राहि त्राहि मची हुई है, वही लाक-डाउन से गरीबो को दो वक्त की रोटी भी नहीं पा रही है| केवल भोजन मिले पेट भरे, की आस लगाए बेचारे गरीब असहाय से हो गए है| हालाकि इस पुनीत और पुन्य कार्य में सामाजिक संस्थाए दिन रात एक कर भोजन की व्यवस्था में लगी है और शासन के साथ यथा संस्थाये भी सेवा कर रही है














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